मुझे यह बताते हुये बहुत हर्ष हो रहा है कि मेरी जानकारी में पत्रकार बनाने की एक नई दुकान आई है. यह दुकान रातों-रात किसी को भी इलैक्ट्रॉनिक मीडिया का पत्रकार बना सकती है. दुकानदारों ने मुझे इस संस्था की जानकारी डाक से भेजी थी. मैं आपसे इस जानकारी को बाँटना चाहता हूँ.
चिरकुट मीडिया संस्थान
- देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में से एक.
- हमारे यहाँ रातों-रात पत्रकार बनाने की गारंटी दी जाती है.
- संस्थान में भर्ती होने के लिये किसी भी तरह की शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं.
- अगर संभव हो तो अपना या फिर अपने माता-पिता का पिछले तीन साल का आयकर रिटर्न, बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट जमा करायें. अगर आपके माता-पिता की आमदनी एक लाख रुपये से कम है तो कृपया हमारे संस्थान के लिये एप्लाई न करें.
- अपना पुलिस रिकॉर्ड ज़रूर दें. ध्यान रहे अगर आप पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं तो आपका चिरकुट मीडिया संस्थान में भर्ती होना बिल्कुल तय माना जायेगा.
- अपने दोस्तों, सहयोगियों से एक चरित्र प्रमाणपत्र ले कर आयें. ये ज़रूर लिखवायें कि वो आपको चमचई की कला में निपुण मानते हैं या नहीं. अगर हाँ, तो समझिये चिरकुट मीडिया संस्थान आपके लिये ही बना है.
- संस्थान में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा होगी.
- इसकी तैयारी के लिए आपसे यह अपेक्षा है कि आप सत्य कथा, कच्ची कलियां, बेशर्म आबरू, मैं सबका बाप- मेरा कोई बेटा नहीं, नाजुक जवानी, सच्ची कहानियां और फुटपाथ पर मिलने वाली दूसरी इसी तरह की उत्कृष्ट साहित्यिक पत्रिकाओं का गहन अध्ययन करें. ध्यान रहे आपके कुछ मित्र आपको यह कह कर बहका सकते हैं कि ये बाजारू पत्रिकायें हैं. लेकिन आप बहकावे में न आयें. आज की टीवी पत्रकारिता की असली कसौटी यही है कि आप इन पत्रिकाओं से कितना ज्ञान आत्मसात कर सकते हैं.
- इन साहित्यिक पत्रिकाओं की लेखन शैली और खासतौर से शीर्षकों पर खास ध्यान दें. जैसे मैंने अपना ही खून किया, मेरी बीवी को वो ले भागा, मेरा दोस्त बना मेरी सौतन, स्वर्ग यहां, नर्क पड़ोसी के वहां, ये किसकी औलाद, बेटा बना बाप का बाप आदि. याद रहे चिरकुट मीडिया संस्थान में इस तरह के अनोखे, बिल्कुल अलग तरह के और समाज से सरोकार रखने वाले शीर्षक देने वालों को वरीयता दी जाएगी.
- फिल्मी पत्रिकाओं का भी रट्टा लगा लें. ध्यान रहे प्रवेश परीक्षा में नकल करने की अनुमति नहीं है. इसलिए यह जरूर पता कर लें कि धोनी की शादी होने का बाद अब दीपिका पादुकोण किसके साथ पींगे लड़ा रही हैं, बिपाशा बसु के अंग वस्त्रों की साइज़ क्या है, वो जो चुंबन करते हुए दृश्य छपा है, उसमें हीरो-हीरोइन कौन हैं वगैरह. ध्यान रहे न सिर्फ चिरकुट मीडिया संस्थान में भर्ती के लिए ये सब जानकारी आपके लिए अति आवश्यक है बल्कि संस्थान से निकलने के बाद जब देश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनलों में जाएँगे तब वहां की प्रवेश परीक्षाओं में भी आपसे यही सारे सवाल पूछे जाएँगे.
- चिरकुट मीडिया संस्थान में भर्ती के लिए एक अहम आवश्यकता है - विज्ञान का ज्ञान. आपसे यह अपेक्षित है कि आप उड़नतश्तरियों के मूवमेंट पर नज़र रखें. आपके इलाके में कौन सी गाय या भैंस को एलीयंस उठा कर ले गए थे. उस घटना के बाद से उनके दूध देने की क्षमता में क्या तब्दीली आई. क्या एलीयंस ने आपके किसी जान-पहचान वाले के साथ यौन दुराचार तो नहीं किया है. आपके इलाके या उसके आसपास कौन सा पेड़ है जो दूध पीकर खून उगलने की ताकत रखता है आदि.
- आपसे यह भी अपेक्षित है कि आपकी धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र में न सिर्फ आस्था हो बल्कि उनका गहन ज्ञान भी हो. स्वर्ग की सीढ़ियां कहां से जाती हैं इस प्रश्न का उत्तर आपके जुबां पर हमेशा रहना चाहिए. कौन सा बाबा किस कन्या की इज्जत लूट रहा है. अगर शनि शुक्र में घुस जाए और उसके सिर पर राहु-केतु डिस्को करें तो जातक के भविष्य पर क्या असर होगा, ये सामान्य ज्ञान आपसे अपेक्षित है.
- क्रिकेट को आप पूरी तरह से चाट लें. डरिए मत. आपसे ये नहीं पूछा जाए कि फील्डिंग पोजीशन क्या होती है या फिर गुगली या दूसरा क्या बला है. लेकिन आपको ये पता होना चाहिए कि किस क्रिकेटर का किस हीरोइन के साथ टांका भिड़ा है, कौन सा क्रिकेटर मैच फिक्सिंग में फंसा है, या कल रात नाइट क्लब में किस क्रिकेटर ने टल्ली होकर अपने दोस्त की बीवी के गालों पर चुम्मी ले ली थी.
हर सप्ताह कुछ अखबारों में न्यूज चैनलों का टीआरपी चार्ट छपता है. आप उनमें से कुछ आला चैनलों का चुनाव करें. अगले एक महीने तक इन चैनलों को देखने का बीड़ा उठाएँ. हम पक्के तौर पर आपसे वादा करते हैं कि हमने ऊपर जिन भी विषयों का जिक्र किया है वे सब आपको इन चैनलों में देखने को मिल जाएँगे. तो बस हो गई तैयारी पूरी.
बस तो अब देर किस बात की है. हो जाइए शुरू. चिरकुट मीडिया संस्थान आपका स्वागत करता है. ध्यान रहे आप आज हमारे काम आएँगे कल हम आपके काम आएंगे.
ऐसे मिडिया संस्थान में दाखिला लेने से अच्छा मेरा एक सलाह है ऐसे पत्रकारों से की चुल्लू भर पानी में डूब मरें या अपनी माँ बहन की भडुआ गिरी करें ...| आपने सही चित्र खीचा है आज के मिडिया संस्थानों का जिन पर थूकना भी थूक की बेइज्जती होगी | ये सब साले भ्रष्ट बिल्डर जिन्होंने अपने माँ बहन को बेचकर और न जाने कितने इंसानियत का कत्ल कर बिल्डर बने हैं अब मिडिया वाले तथा मिडिया संस्थान चला रहे हैं | इन सालो के वजह से मिडिया की ये दुर्दशा हुयी है ये इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन हैं |
ReplyDeleteजी आपके कथनानुसार अमल में लाते हैं...
ReplyDeleteआत्ममंथन करने की जरूरत है...उन चैनलों के लोगों को भी जहां इंटरनेट की मदद से कार्यक्रम बनते हैं. कुत्ते-बिल्ली के खेल दिखाए जाते हैं...जो कॉमेडी कार्यक्रम सबने बंद कर दिए ये चैनल बना रहा है.
ReplyDeleteसर कमाल का संस्थान है... वैसे पहले से भी ऐसे कई संस्थान चल भी रहे हैं जो पत्रकारिता के नाम पर ना जाने क्या पढ़ाते हैं... और आजकल बच्चे पत्रकार बनने थोड़े ही आते हैं... वो तो गाड़ी पर प्रेस और हाथों में प्रेस लिखा हुआ आईकार्ड लेकर शहर के बाप बनकर घूमते रहते हैं... और मजे की बात तो ये है कि इस तरह के लोगों को नौकरी भी मिल जाती है... राम जाने क्या होगा...
ReplyDeleteKYA KHOOB BAAT KHI HAI AAPNE.AAJ KE DAUR MAIN SATEEK BAITHATI HAI YE VIVECHANA........BAAT CHU GAYI LAGATA HAI ASAR HONE KO HAI.
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