Sunday, March 09, 2014

केजरीवाल पर कविता


 इंडिया टुडे के कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल चार्टर प्लेन से पहुँचे। वहां उन्हें कई खट्टे-मीठे अनुभव हुए। पर सबसे मज़ेदार रहा दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार का कविता पाठ।
यूट्यूब पर तो आपने इसका वीडियो देखा होगा, मैंने सोचा मैं ये कविता यहां लिखता चलूं। यहां ये बताना जरूरी है कि ये कविता नीरज कुमार ने नहीं लिखी है। बल्कि उन जैसे लाखों लोगों के पास एसएमएस, व्हाट्स एप, फेसबुक या ट्विटर के जरिए आई। उन्हीं माध्यमों से जिनके जरिए केजरीवाल ने अपनी आम आदमी पार्टी का प्रचार-प्रसार किया है। अर्ज है-

कसम से बहुत याद आओगे तुम केजरीवाल
वो तेरा मेट्रो में जाना
वो रुक-रुक कर नज़ाकत से खांसना
वो तेरा नीली मारूति वैगन आर का दीवानापन
वो करीने से मफलर का लपेटना
वो बात-बात पर धरने पर बैठना
वो रोज़-रोज़ प्रेस कांफ्रेंस करना
वो नटखटपन
वो हर बात पर ज़िद करना
वो गिरगिट सा रंग बदलना
वो जनता का बिजली-पानी करना
वो पूरी दुनिया को चोर बताना
वो झाड़ू मारते-मारते खुद कचरा हो जाना
याद रहेगा केजरीवाल, कसम से तुम बहुत याद आओगे
टाटा स्टील से भाग गए
सरकारी नौकरी से भाग गए
आमरण अनशन से भाग गए
जनता के डर से भाग गए
मुख्यमंत्री पद से भाग गए
इतना भागते क्यों हो भाई
भाग-भाग कर भाग पार्ट टू बनाना है क्या
एक झाडू की औसत उम्र चालीस-पैंतालीस दिन होती है
केजरीवाल तुमने तो ये साबित कर दिया
मफलर वाली ठंड में आए
और ठंड में ही चले गए
एक गर्मी तो देख लेते यार


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